Manzil Shayari

Best 40+ Manzil Shayari / Manzil Status / मंजिल शायरी

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Manzil Shayari

1▪️ अलग अलग थे रास्ते लेकिन मंज़िल एक है, सुकून है दिल को के हम मिलेंगे ज़रूर…!!

Manzil Shayari In Hindi

2▪️ मंज़िले हमारे करीब से गुज़रती गयी जनाब, और हम औरो को रास्ता दिखाने में ही रह गये…!!

Manzil Shayari 2 Lines

3▪️ ये भी क्या मंज़र है बढ़ते हैं न रुकते हैं, क़दम तक रहा हूँ दूर से मंज़िल को मैं मंज़िल मुझे…!!

Manzil Shayari In Hindi

4▪️ मंज़िल तो मिल ही जायेगी भटक कर ही सही, गुमराह तो वो हैं जो घर से निकला ही नहीं करते…!!

5▪️ रास्तों पर निगाह रखने वाले, भला मंज़िल कहाँ देख पाते हैं…!!

6▪️ सामने मंज़िल थी और पीछे उस की आवाज़, रुकता तो सफर जाता ,चलता तो बिछड़ जाता…!!

Manzil Shayari In Urdu

7▪️ बढ़ते चले गए जो वो मंज़िल को पा गए, मैं पत्थरों से पाँव बचाने में रह गया…!!

8▪️ मिलना किस काम का अगर दिल ना मिले, चलना बेकार हे जो चलके मंज़िल ना मिले…!!

Manzil Shayari In Hindi

9▪️ मंजिल तो मिल गई अब सफ़र कैसा, जब ख़ुदा तेरे साथ है फिर डर कैसा…!!

10▪️ कब मिल जाए किसी को मंजिल ये मालूम नहीं, इंसान के चेहरे पर उसका नसीब लिखा नहीं होता…!!

Manzil Shayari 2 Lines Hindi

11▪️ ना जाने क्यों इंसान को इंसान होने पर गुमान है, जबकि सफर ताउम्र है और मंजिल दो गज मकान है…!!

12▪️ मंजिल चाहे कितनी भी उंची क्यो ना हो दोस्तो, रास्ते हमेशा पैरो के नीचे होते है…!!

13▪️ चलता रहूँगा मै पथ पर, चलने में माहिर बन जाउंगा, या तो मंज़िल मिल जायेगी, या मुसाफिर बन जाउंगा…!!

Manzil Status 2 Line

14▪️ जिस दिन से चला हूं मेरी मंज़िल पे नज़र है, आंखों ने कभी मील का पत्थर नहीं देखा…!! बशीर बद्र

Manzil Shayari Two Lines

15▪️ मंजिल मेरे कदमों से अभी दूर बहुत है, मगर तसल्ली ये है कि कदम मेरे साथ हैं…!!

16▪️ मंजिल मिले या ना मिले, ये तो मुकद्दर की बात है, हम कोशिश भी ना करे ये तो गलत बात हैं…!!

17▪️ किसी को घर से निकलते ही मिल गई मंज़िल, कोई हमारी तरह उम्र भर सफ़र में रहा…!! अहमद फ़राज़

18▪️ मंजिलों से गुमराह भी कर देते हैं कुछ लोग, हर किसी से रास्ता पूछना अच्छा नहीं होता…!!

Manzil Shayari In Urdu

19▪️ मंज़िल मेरे कदमों से अभी दूर बहुत है, मगर तसल्ली ये है कि कदम मेरे साथ है…!!

Manzil Shayari In Hindi Images

20▪️ ना कोई मंज़िल ना कोई ठिकाना, हम तो मुसाफिर है पता नहीं कब कहा हो जाना…!!

21▪️ मंज़िलें पाँव पकड़ती हैं ठहरने के लिए, शौक़ कहता है दो चार क़दम और सही…!!

22▪️ कुछ मंजिले है जो दिखती ही नहीं, मगर ये ना समझों की वो मिलती ही नहीं…!!

23▪️ ना किसी से ईर्ष्या ना किसी से कोई होड़, मेरी अपनी मंजीले मेरी अपनी दौड़…!!

Shayari On Raaste Manzil

24▪️ एक न एक दिन हासिल कर ही लूँगा, ‘ठोकरें’ जहर तो नहीं जो खाकर मर जाऊँगा…!!

Manzil Shayari Image

25▪️ कितना मुश्किल है बड़े होकर बड़े रहना भी, अपनी मंजिल पर पहुँचना भी खड़े रहना भी…!!

26▪️ पहुँचे जिस वक़्त मंज़िल पे तब ये जाना, ज़िन्दगी रास्तों में बसर हो गई…!!

27▪️ मंज़िल का पता है न किसी राह गुज़र का, बस एक थकन है कि जो हासिल है सफ़र का…!!

Manzil Shayari Pic

28▪️ मंजिल उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती हैं…!!

2 Line Shayari On Rasta

29▪️ मंज़िलें पाँव पकड़ती हैं ठहरने के लिए, शौक़ कहता है दो चार क़दम और सही…!!

30▪️ सीढ़ी की आसानी तुम्हे मुबारक हो, मैंने अपनी दम पर मंज़िल पाई है…!!

31▪️ ज़िन्दगी ठहरती नहीं किसी मुश्किलात से, ज़रा मंज़िल को बताओ आ रहा हूं मैं शान से…!!

Safar Manzil Shayari

32▪️ सोचने से कहाँ मिलते है तमन्नाओं के शहर, चलना भी जरूरी है मंजिल को पाने के लिए…!!

33▪️ खत्म हो भी तो कैसे, ये मंजिलो की आरजू, ये रास्ते है के रुकते नहीं, और इक हम के झुकते नही…!!

34▪️ दिल बिन बताए मुझे ले चल कही, जहां तू मुस्कुराएं मेरी मंज़िल वही…!!

Shayari On Manzil

35▪️ चलो दोस्तों चलकर मंजिले ढूँढ लाए, कुछ सपनें तो अक्सर पुरे नहीं होते…!!

Rasta Manzil Shayari Urdu

36▪️ गम में डूबी मेरी हर आहें है, मंजिल का पता नहीं और काँटों भरी राहें है…!!

37▪️ मंज़िल पा ली मैंने ठोकरें खा कर, लेकिन मरहम ना पा सका मंजिल पाकर…!!

38▪️ मोहब्बत में सहर ऐ दिल बराए नाम आती है, ये वो मंज़िल है जिस मंज़िल में अक्सर शाम आती है…!!

Safar Aur Manzil Shayari

39▪️ मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंज़िल मगर, लोग साथ आते गए और कारवाँ बनता गया..!! मजरूह सुल्तानपुरी

40▪️ थक कर ना बैठ, ऐ मंजिल के मुसाफिर, तुझे मंजिल भी मिलेगी और मिलने का मज़ा भी आएगा…!!

Aakhri Manzil Shayari

41▪️ एक रास्ता यह भी है मंजिलों को पाने का, कि सीख लो तुम भी हुनर हाँ में हाँ मिलाने का…!!

42▪️ थका हु फिर भी बढ़ रहा हूँ मंजिल की और यही सोचकर, के जित गया तो हंगामा बहुत बड़ा होगा…!!

43▪️ मंज़िल तो मिल ही जायेगी भटक कर ही सही, गुमराह तो वो हैं जो घर से निकला ही नहीं करते…!!

Raaste Aur Manzil Shayari

44▪️ बहुत गुरूर था, छत को छत होने पर, एक मंजिल और बनी और वो छत फर्श हो गई…!!

Final Word :-

आशा करता हु कि आपको हमारा Manzil Shayari का पोस्ट जरुर पसंद आया होगा, इसी तरह के और शायरियों को पढ़ने के लिए आप हमारे और भी पोस्ट को जरुर पढ़े.

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